Success Mantra ( प्रबल इच्छा )
कामयाबी का पहला कदम है इच्छा। अगर इच्छा प्रबल न हो तो सफलता की सीडी चढ़ना बहुत कठिन है। ऐसी ही एक सोच वाला आदमी था एडविन सी. बार्न्स। उसके विचार एक राजा की भांति थे।
उसका रेल के सफर से थॉमस एडिसन के दफ्तर तक का सफर बहुत ही कठनाईयों वाला रहा। परंतु उसके मन में एक प्रबल इच्छा थी एडिसन के साथ काम करने की। इसी इच्छा की वजह से वह कभी भी कमज़ोर नही पड़ा। वह हमेशा खुद को उसके साथ काम करता देखता।
बार्न्स की इच्छा उम्मीद नही थी। न ही कोई तमन्ना। वह उसकी शक्ति का स्रोत था।
जब उसके दिमाग में ये खयाल पहली बार आया तो एक तमन्ना ही थी परंतू जब वह उसके सामने आया तो उस समय उसकी तमन्ना इच्छा में बदल गयी। वह उसके साथ साझेदारी करना चाहता था। और जल्द ही उसकी इच्छा हकीकत में बदल गयी। लोगों उसकी कामयाबी की तारीफ करने लगे परंतू उन्हें ये नही पता था की उसके लिए क्या क्या करना पड़ा।
बार्न्स को विजय मिली क्योंकि उसका मकसद एक ही था, पूरी शक्ति, पूरी ताकत , सारे प्रयास उसी मकसद को पाने के लिए लगा दिए। वह अपनी इच्छा को पूरी करने के लिए अंत तक प्रयास करता रहा। उसने कभी भी हार नही मानी।
उसने कभी यह नही सोचा की वो दूसरे मौके का इंतेज़ार करेगा, अगर वो कामयाब न हुआ। उसने कभी पीछे हटने पर विचार नही किया। उसे या तो जितना था या मार जाना था। और वो जितने में कामयाब रहा।
तो दोस्तो अगर ज़िन्दगी में कुछ भी करना है तो मन में एक जनून होना बहुत ही आवश्यक है। वही जनून आपसे असंभव कार्य करवा जाता है।
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